MI-7 का हुआ 823 करोड़ का इंश्योरेंस, फिल्म स्टार्स क्यों करा रहे मूवीज के साथ अपने बॉडी पार्ट्स का बीमा
Mission Impossible की MI-7 आज यानी 12 जुलाई को रिलीज हो गई है। ये मिशन इम्पॉसिबल सीरीज की 7वीं फिल्म है, जिसमे हॉलीवुड स्टार टॉम क्रूज एक बार फिर खतरनाक स्टंटस करते नजर आएंगे। फिल्म की मेकिंग कोरोना के चलते 2 साल तक अटकी रही लेकिन मेकर्स ने पहले ही फिल्म का 100 मिलियन डॉलर, यानी 823 करोड़ रुपए का इंश्योरेंस करा लिया था। जिसकी वजह से उन्हें 5 मिलियन डॉलर यानी 41 करोड़ रुपए का हर्जाना इंश्योरेंस कंपनी से मिल गया। आइये जानते है क्या है फिल्म इंश्योरेंस।
क्या होता है फिल्म इंश्योरेंस?
बॉलीवुड ट्रेड एक्सपर्ट अतुल मोहन के मुताबिक फिल्म मेकिंग के दौरान किसी भी तरह के नुकसान से बचने के लिए इंश्योरेंस कराया जाता है।आमतौर पर फिल्म इंश्योरेंस को प्रोड्यूसर या प्रोडक्शन कंपनी का मालिक लेता है, ताकि फिल्म मेकिंग के दौरान अगर कोई प्राकृतिक आपदा आ जाए, सेट जल जाए या कोई भी अनहोनी हो जाए तो उस नुकसान की भरपाई के लिए इंश्योरेंस कंपनी से हर्जाना मिले। किसी भी फिल्म में काम करने से पहले एक्टर्स का खुद का इंश्योरेंस तो रहता ही है, लेकिन उस फिल्म में काम करने के दौरान वो भी मूवी इंश्योरेंस में कवर्ड रहते हैं। फिल्म की कास्ट के अलावा हर क्रू मेंबर भी इसमें कवर्ड रहता है।
फिल्म इंश्योरेंस के अलग-अलग पैकेज
हर फिल्म के हिसाब से टेलर मेड पैकेज बनता है और अलग-अलग इंश्योरेंस कवर करके एक पैकेज बनाया जाता है। हॉलीवुड में तो ये ट्रेंड काफी पहले से है, लेकिन अब बॉलीवुड में भी फिल्म इंश्योरेंस ने काफी तेजी पकड़ी है।
फिल्ममेकर्स छोटे बजट की फिल्मों से लेकर, फीचर फिल्मों, विज्ञापनों, डॉक्यूमेंट्री, OTT वेब सीरीज, टीवी शोज तक के इंश्योरेंस करवा सकते हैं। मौजूदा समय में OTT प्रोजेक्ट्स के इंश्योरेंस में तेजी आई है। 100 करोड़ से ज्यादा का बीमा किया जा रहा है।
OTT सीरीज फॉरगॉटन आर्मी का 120 करोड़ का इंश्योरेंस था, फिल्म ‘बाहुबली’ का 200 करोड़ का इंश्योरेंस था। ज्यादातर फिल्मों में बीमा राशि 10 से 100 करोड़ होती है, लेकिन ये पूरी तरह से प्रोड्यूसर के बजट पर निर्भर करता है
हीरो-हीरोइन और क्रू के अलावा इक्विपमेंट्स का भी होता है इंश्योरेंस
फिल्म में काम करने वाले कलाकारों और क्रू मेंबर्स या सेट के अलावा फिल्म प्रोडक्शन में यूज होने वाले इक्विपमेंट्स का भी इंश्योरेंस किया जाता है; जैसे कैमरा, ट्राइपॉड, लाइट्स, स्टेबलाइजर। अगर फिल्म मेकिंग के दौरान ये इक्विपमेंट्स चोरी हो जाएं, टूट जाएं या खो जाएं तो पॉलिसी में कवर मिलता है। ये पॉलिसी किराए से लिए गए इक्विपमेंट्स को भी कवर करती है।
बॉलीवुड में 1998 से शुरू हुआ ट्रेंड
वैसे बॉलीवुड में 1998 में ही इस ट्रेंड की शुरुआत हो चुकी थी। सुभाष घई की फिल्म ताल पहली ऐसी फिल्म थी, जिसका 12 करोड़ रूपये में इंश्योरेंस करवाया गया था। पिछले साल आई ब्रह्मास्त्र का 380 करोड़ और हाल ही में आई 600 करोड़ में बनी आदिपुरुष का भी 180 करोड़ का बीमा था।
फिल्म स्टार्स के बॉडी पार्ट्स का इंश्योरेंस
वैसे, सिर्फ फिल्में ही नहीं, स्टार्स अपने बॉडी पार्ट्स का भी इंश्योरेंस करवाते हैं। हॉलीवुड में स्टार्स के बीच बॉडी पार्ट्स के इंश्योरेंस का भी ट्रेंड है। स्टार्स ऐसा इसलिए करते हैं ताकि वो अपने सबसे खूबसूरत अंगों को सुरक्षित रख पाएं। ये सुनने में अजीब लगता है, लेकिन सच है और इसके लिए ये स्टार्स मिलियन नहीं, बिलियन डॉलर भी खर्च करने में नहीं हिचकिचाते हैं।
फेमस हॉलीवुड सिंगर, एक्ट्रेस और प्रोड्यूसर मारिया कैरे ने 2016 में अपने खूबसूरत पैरों के इंश्योरेंस के लिए 1 बिलियन डॉलर खर्च किए थे। सिंगर मारिया कैरे ने अपने पैरों का 8,241 करोड़ रुपए में बीमा करवाया था। एक्ट्रेस जूलिया रॉबर्ट्स की स्माइल की तारीफ की जाती है। यही वजह है कि उन्होंने इसके इंश्योरेंस में 30 मिलियन डॉलर खर्च किए थे। इसी तरह कई सेलेब्स ने अपनी वॉयस,जीभ,आंखें, हिप्स, फुल बॉडी का इंश्योरेंस करवाया हुआ है।
फिल्मों के इतिहास में सबसे बड़ा इंश्योरेंस क्लेम
2014 में फास्ट एंड फ्यूरियस 7 के लीड स्टार पॉल वॉकर की जान चली गई थी जिसके बाद यूनिवर्सल स्टूडियो ने इंश्योरेंस कंपनी से 50 मिलियन डॉलर का हर्जाना मांगा था। ये फिल्मों के इतिहास में सबसे बड़ा इंश्योरेंस क्लेम था।
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